माँ: एक दैवीय शक्ति

अरुणिता
द्वारा -
0

    जाह्नवी का आज का दिन बहुत व्यस्त रहा, दिनभर भागदौड़ रही | स्कूल में बच्चों की निबंध और कला प्रतियोगिता थी, प्रतियोगिता के आयोजन कराने में पूरा दिन निकल गया|समय का भान ही न रहा, जैसे ही छुट्टी की घंटी बजी तब ध्यान आया,आज शनिवार है, घर जाना है
     अचानक घर पर छोटी सी बेटी का चेहरा जाह्नवी की आँखों में कौंध गया|
    बैंचेनी बढ़ गई| अब तो घर जाने के लिए आखिरी गाड़ी निकल गई होगी| कैसे जा पाएंगी, शाम होने को आयी, आज नहीं जाती अगले हफ्ते चली जाऊंगी| यही सोच कर जाना टाल दिया, लेकिन मन नहीं माना |नन्ही बिटिया इंतजार कर रही होगी, वो कैसे रूक सकती हैं नहीं वो जरूर जायेगी, उसने अपना बैग उठाया और पैदल ही चल दी|
    धीरे -धीरे अंधेरा होने लगा, जंगली जानवरों के साथ जंगली इंसानों का डर सताने लगा| उसे याद था कि कैसे शिक्षक की नौकरी के लिए उसने मेहनत की, शिक्षक बनना उसका सपना था, इसलिए शहर से दूर गाँव में उसने शिक्षक की नौकरी खुशी से स्वीकार कर ली थी|लेकिन अपनी नन्ही सी बच्ची का चेहरा याद आते ही उसका मन ग्लानि से भर जाता| जिसे वो समय नहीं दे पा रही है, अचानक ही सियार की आवाजों ने उसे विचारों से वास्तविक स्थिति में ला दिया, मन अनजाने डर से कांपने लगा| बेटी दरवाजे पर टकटकी लगाये होगी, उसके कदम और तेजी से चलने लगे, रास्ते भर ईश्वर से प्रार्थना करने लगी |अचानक ही उसे गाड़ी के चलने की आवाज सुनायी दी, इस वक्त कौन हो सकता हैं उसने देखा कि कोई साथी शिक्षक है शिक्षक ने गाड़ी रोकी और उसकी तरफ देखा, उसने शिक्षक से कहा क्या आप मुझे भी स्टेशन तक छोड़ सकते है, शिक्षक ने हामी भरी, उस शिक्षक ने कहा मैं इस समय कभी नहीं आता लेकिन आज अचानक ही शहर में काम पड़ गया और उसे आना पडा|
    वो सोच रही थी ये एक माँ के दिल की आवाज थी जो ईश्वर तक पहुँच गई या बेटी की नजरें जो माँ के इंतजार में दरवाजे पर टिकी थी उन्हें ईश्वर ने देख लिया था | आखिर ईश्वर का हृदय भी तो मातृत्व से भरा है ,वो जल्दी से जल्दी घर पँहुचना चाहती थी| जाह्नवी ने आज उस अनजान मददगार और ईश्वर दोनों को धन्यवाद दिया|आज उसने माँ की शक्ति को अनुभव किया था|


रश्मि' मृदुलिका'
देहरादून, उत्तराखण्ड

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!