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जीवन की यही पराकाष्ठा


जीवन का वह क्षण

जब खत्म होगा जीवन

सारी कामनाएं सारी इच्छाएं

अंत कर देगी मरण|



सारा संचय- संशय

निर्मूल होगी निश्चय

ना रहेगी कोई भी चिंता

आज की आय, कल का व्यय|



आपकी सुकर्म संपदा

करेगी आपका मोल

आपकी धन संपदा व्यर्थ

सुकर्म ही माप -तौल |



जीवन की यही पराकाष्ठा

सुकर्म और मानवता|




 राजीव कुमार

ग्राम- चंडीडीह, पोस्ट- सबलपूर

जिला- बाँका, बिहार