जयति जयति जय माँ भारती।
कोटि नमन शत बार आरती।।
सूरज करता अभिनन्दन,
नित्य लाल लगाकर चन्दन।
हिमपर्वत हिमराज हिमालय,
औषधि भंडारण का आलय।।
जयति जयति जय माँ भारती।
कोटि नमन शत बार आरती।।
नदियों की निर्मल जलधारा,
चरण चूमनें चली तुम्हारा।
मलया गिरि से व्यजन डुलाता,
नील गगन तुम पर हर्षाता।।
जयति जयति जय माँ भारती।
कोटि नमन शत बार आरती।।
पँछी चह चह कर गाती है,
फूलों की खुशबू आती है।
खग मृग सभी निरोगित रहते,
तेरी ममता में सब पलते।।
जयति जयति जय माँ भारती।
कोटि नमन शत बार आरती।।
वीर भोग्या वसुंधरा तुम,
शस्य श्यामला स्नेह धरा तुम।
संस्कार संस्कृति की रक्षक,
अनुपम वात्सल्य संरक्षक।।
जयति जयति जय माँ भारती।
कोटि नमन शत बार आरती।।
विजयलक्ष्मी पाण्डेय
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश