*साहित्यिक नाम :धर्मेन्द्र गुप्त /धर्मेन्द्र गुप्त 'साहिल'
*जन्म :7 --7--1964(वाराणसी)
*शिक्षा :एम. काम., बी. एड. ।
*मुख्य विधा: ग़ज़ल।1984 में गांडीव दैनिक में प्रथम ग़ज़ल के प्रकाशन से साहित्यिक यात्रा प्रारम्भ ।
*मुख्य विधा: ग़ज़ल
*प्रकाशित कृतियाँ :
*कविता संग्रह 'सन्नाटा जो चीर रहा हूँ'(2007)
*ग़ज़ल संग्रह, 'अपना -अपना चाँद ' (2016)
* ग़ज़ल संग्रह ' मुझमें कोई नदी है' (2023)
*एक ग़ज़ल संग्रह एवं एक कविता संग्रह शीघ्र प्रकाश्य ।
अन्य प्रकाशन:
*101 प्रतिनिधि ग़ज़लकार,
* ग़ज़ल त्रयोदश ,
*बनारस की हिन्दी गज़ल,
*2020 की प्रतिनिधि ग़ज़लें,
*हिन्दी ग़ज़ल :प्रकृति एवं पर्यावरण,
*ग़ज़ल पंचशतक,
*ज़िन्दगी की ग़ज़ल,
*2020 की नुमाइंदा ग़ज़लें
*इक्कसवीं सदी के इक्कीसवें साल की ग़ज़लें,
*उड़त गुलाल सहित अनेक सम्पादित संग्रहों में रचनाएं प्रकाशित।
पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन:
*अमेरिका, कनाडा, यू ए ई, मारीशस की अंतरर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं सहित उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, कश्मीर, आन्ध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, बिहार,झारखंड , गुजरात, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, आदि राज्यों की प्रमुख पत्र -पत्रिकाओं में 400 से अधिक रचनाएं (ग़ज़ल, कविता, समीक्षा आदि) प्रकाशित .
*अनेक साहित्यिक विशेषांकों (ग़ज़ल, नवलेखन, समीक्षा आदि) का सम्पादन।
* 1988 से प्रसार भारती
(आकाशवाणी ,दूरदर्शन )से अनेक बार काव्य पाठ, एवं वार्ता का प्रसारण।
*सम्मान/पुरस्कार:
अनेक सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा सम्मान ।
संपादन
नौ वर्ष तक 'समकालीन स्पंदन '(त्रैमासिक)का सम्पादन
सम्प्रति :
अध्यापन एवं स्वतंत्र लेखन
सम्पर्क :
के. 3/10 ए. माँ शीतला भवन, गायघाट, वाराणसी--221001
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