किसने छेड़ी तान सखी घर कौन आया है ।
विहसे मन आज सखी क्या सावन आया है ।।
कजरी गाते खग विहग केकी ता था थैया ।
थाप सुनाये दादुर क्या सावन आया है ।।
चकित दृग खोले नव पल्लव हुई आशा भोर ।
झींगुर शोर करे हुलसित क्या सावन आया है ।।
धानी चूनर ओढ़ अचरा नव सिंगार करे ।
पहने नथनी बौर सखी क्या सावन आया है ।।
खींचे नयन कमान अनंग रति भी शरमाई है ।
मिटे अमावस निशा सखी क्या सावन आया है ।।
पानी की बूँदे टिप टिप भीगा भीगा सावन ।
नयन करें प्रणय निवेदन क्या सावन आया है ।।
मेहँदी सिल पर पीस रचाये गोरी गोरे हाथ ।
मुँह छुपाये शरमाये हाथों क्या सावन आया है ।।
अमुआ झूला डाले कान्हा गाये राधे मल्हार ।
समीर झोंटा दे झुलाये क्या सावन आया है ।।
कारे कारे मेघ डँसे रतियाँ प्यासी प्यासी ।
कंत बिन सेज सूनी क्या सावन आया है ।।
ओ रे श्याम घनघोर तू जा कही और बरसाना ।
अँखियाँ मेरी भीजे क्या सावन आया है ।।
सावित्री शर्मा 'सवि'
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