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ग़ज़ल



करोगे मेहनत, फिर देखोगे, सपने होंगे सारे पूरे।


जल्दी पूरे हो जाएंगे, जो भी रह गए काम अधूरे।



आलस को तुम अपने ऊपर, कभी न होने देना हावी,

दूर भगाकर के आलस को, उठ जाओ तुम सुबह सवेरे।



किसी की बातों में न आना, सोच समझकर कदम उठाना,

बहुत मिलेंगे लोग तुम्हें पर, पर उपदेश कुशल बहुतेरे।



अपने पथ पे बढ़ते जाना, बाधाओं से न घबराना,

मन न विचलित होने देना, देख के तुम अंधियार घनेरे।



दुःख तो आते हैं जीवन में, तुम निराश न इनसे होना,

जग में ऐसा कौन विनय है, कभी कोई दुःख जिसे न घेरे।


विनय बंसल

76, विनय नगर

आगरा-282010

उत्तर प्रदेश