अक्तूबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नीरजा हेमेन्द्र

नीरजा हेमेन्द्र शिक्षा- एम.ए.( हिन्दी साहित्य ), बी.एड.। संप्रति- शिक्षिका ( लखनऊ उ0 प्र0 ) अभिरूचियां-पठन-पाठन, लेखन, …

चयनित कविताएं

जीवन के अंतर्बाह्य यथार्थ अर्थात भीतर- बाहर रचे बसे कटु - मधुर जीवनानुभवों से निर्मित कविताएं शिखर जैन हाल ही में …

वो नाश्ता

‘फिर से सूखी रोटी और आलू की सब्जी। पिछले तीन महीने से यही खाना खा-खाकर ऊब चुका हूं। मैं नहीं खाऊंगा’ -खाने की थाली को ग…

कमज़ोर नहीं बेटियां

किरण हाथ में कागज का टुकड़ा लिये खुशी खुशी आवाज़ लगाती हुई आती है। "पापा। मम्मी। (रुक कर) अरे ! क्या हुआ? आप लोग इ…

दरोगा जी, चोरी हो गई

मुरारी की साइकिल चोरी हो गई बाजार से। मुरारी थाने गया रिपोर्ट लिखाने।हाथ में तहरीर देखकर दरोगा ने मुरारी को घूर कर देखा…

पथ से गन्तव्य तक

मेरी सेवानिवृत्ति में अब मात्र एक वर्ष ही तो शेष रह गये हैं। जीवन के विगत् सत्ताइस वर्ष ऐसे व्यतीत हो गये जैसे सत्ताइस …

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!