एक सैनिक अपनी मातृभूमि के लिए सदैव अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए तैयार रहता है चाहे वह युद्ध का मैदान हो या शांति काल में आम सैनिक जीवन । सेना के आदर्श वाक्य “सर्विस बिफोर सेल्फ” की भावना उसके दिल और दिमाग में कूट कूट कर भरी होती है और इसी भावना के चलते वह देश हित को सर्वोपरि मानकर वह जो कर गुजरता है, वह आम आदमी के वश से बाहर होता है । जनपद आगरा के एक ऐसे ही वीर सैनिक नायक जीतेन्द्र सिंह ने ऑपरेशन रक्षक में वह अभूतपूर्व साहस दिखलाया कि सुनने वाले भी हतप्रभ रह गए ।
27 अप्रैल, 2022 को 44 राष्ट्रीय राइफल्स को पुलवामा ज़िले में दो आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली। इन आतंकवादियों के सफाये के लिए 44 राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा एक ऑपरेशन शुरू किया गया । नायक जीतेन्द्र ने आतंकवादियों को देख लिया । आतंकवादी लगातार नायक जीतेन्द्र सिंह की ओर ग्रेनेड फेंक रहे थे और घेरा तोड़ने की लगातार कोशिश कर रहे थे । इसी बीच नायक जीतेन्द्र को ग्रेनेड का एक टुकड़ा आ लगा और वह गंभीर रूप से घायल हो गए । घायल होने के बाद भी साहस दिखाते हुए नायक जीतेन्द्र रेंगते हुए घर की ओर बढ़े और मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मार गिराया, दूसरे आतंकवादी ने फिर से नायक जीतेन्द्र की ओर ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध गोलीबारी की, जिससे उन्हें कई गोलियां लगीं। अपने साथी सैनिकों के लिए खतरे को महसूस करते हुए, नायक जीतेन्द्र सिंह ने साहस और वीरता का प्रदर्शन करते हुए, आतंकवादी की ओर रेंगते हुए बढ़ना जारी रखा और कुछ देर बाद उसे भी घायल कर दिया। इस दौरान काफी रक्तस्राव हो चुका था। ज्यादा रक्तस्राव होने के कारण वह बेहोश हो गए और उन्हें 92 बेस अस्पताल ले जाया गया।
नायक जीतेन्द्र सिंह के अदम्य साहस , वीरता और अनुकरणीय पहल के कारण एक कट्टर आतंकवादी को मार गिराने और दूसरे को घायल कर अपने उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए, नायक जीतेन्द्र सिंह को "कीर्ति चक्र" से सम्मानित किया गया। नायक जीतेन्द्र सिंह ने दिसंबर, 2021 से तीन अभियानों में प्रमुख मार्गदर्शक के रूप में असाधारण वीरता और साहस का प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप सात आतंकवादियों को मार गिराया गया।
नायक जीतेन्द्र सिंह का जन्म 20 जुलाई 1990 को जनपद आगरा की तहसील फतेहाबाद के गाँव धौरा में श्रीमती गिरजा देवी और श्री गुन्नाम सिंह के यहाँ हुआ था । इन्होने अपनी मैट्रिक तक की स्कूली शिक्षा सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कालेज फतेहाबाद से पूरी की और 07 दिसम्बर 2010 को भारतीय सेना की राजपूत रेजिमेंट में भर्ती हो गए । नायक जीतेन्द्र सिंह अपना प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात 21 राजपूत रेजिमेंट में पदस्थ हुए और ऑपरेशन के समय 44 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे । इनका विवाह 07 मई 2014 को श्रीमती सुमन देवी से हुआ । इनके दो पुत्र अल्पेश सिंह और पीयूष सिंह हैं । इनके परिवार में इनके माता पिता और एक छोटा भाई प्रमोद सिंह, दो बहन राजेश और सीमा हैं। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश का यह वीर अपने देश की सुरक्षा में सेवारत है।
हरी राम यादव
लखनऊ, उत्तर प्रदेश