दिल को मेरे तोड़कर चला गया है कोई
दर्द गहरा दे गया है कोई।
प्यार में हमें अपने
बदनाम कर गया है कोई।
जिनको हम अपना हम समझते थे
अपना नहीं रहा कोई।
जिनकी तस्वीरें आंखों मे समाई रहती थी
अब आंखों में नहीं रहा कोई ।
कर के मोहब्बत हमसे
धोखा दे गया कोई ।
हमको अपनी भूल की
सजा दे गया कोई।
अब तो अकेले जी रहे हैं
अपना न रहा कोई।
इस जमाने में दिल लगाने वालों का
हाल पूछने न आता कोई।
बद्री प्रसाद वर्मा अनजान
गल्ला मंडी गोला बाजार
गोरखपुर-273408 उ. प्र.