रतन टाटा की जीवन यात्रा बहुत कुछ सिखाती है | लेकिन शायद उन्हें ही जो वास्तव में कुछ सीखना चाहते हैं | देश में ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो प्रतिदिन और बात बिन बात उद्यमियों को कोसा करते हैं | उद्यमी कमाते हैं तभी सरकार को कर देते हैं जिससे देश के विकास को गति मिलती है | कुछ उद्यमी ऋण लेकर या किसी और तरीके से देश को आर्थिक हानि पहुँचा कर देश से फरार हो गये | लेकिन इसका ये तो अर्थ नहीं कि देश के सभी उद्यमियों पर छींटाकशी करके उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया जाये | जब केवल राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा किया जाये तो यह और भी निम्न स्तरीय कृत्य हो जाता है |
रतन टाटा के नेतृत्व में, कई स्कूल, कॉलेज और संस्थान स्थापित किए गए, जहां छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलती है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा के प्रसार के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। टाटा मेमोरियल अस्पताल जैसे संस्थान कैंसर अनुसंधान और उपचार में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। टाटा ट्रस्ट्स ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भी कई योजनाएं शुरू की हैं। टाटा ने कृषि विकास, जल प्रबंधन, और ग्रामीण महिलाओं की सशक्तिकरण जैसी योजनाएं भी चलायी हैं।
टाटा समूह ने पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर प्रदूषण कम करने की दिशा में प्रयास किए हैं। इसके अलावा, जंगल संरक्षण और जल संरक्षण की योजनाओं में भी वे सक्रिय रहे हैं। रतन टाटा ने अपने संस्थानों में कर्मचारियों के विकास और प्रशिक्षण के लिए भी विशेष योजनाएं बनाई हैं। इससे उनकी कंपनियों में काम करने वालों की कुशलता और कार्यक्षमता में वृद्धि हुई है। रतन टाटा का जीवन और योगदान देश के विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उनके सामाजिक कार्यों ने न केवल समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाया है, बल्कि देश को एक नई दिशा और दृष्टिकोण भी दिया है। उनका नेतृत्व और समाज सेवा का दृष्टिकोण आज के युवाओं के लिए एक महान प्रेरणा है।
विजय दशमी और दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ | श्रीराम की कृपा हम सब पर बनी रहे |
जय कुमार
प्रधान-सम्पादक
त्रयोदशी, शुक्लपक्ष आश्विन, विक्रम सम्वत् २०८१