रुकना हमारा काम नहीं है।।
हार मान कर झुकना नहीं है।
आंधी तूफानों से डरना नहीं है।।
बार-बार गिर कर हमें उठना है।
सफल होकर ज़माने को दिखाना है।।
खो गया उसे हमें भूलना है।
कांटो की राहों पर चलना है।।
हौसले का दिया राहों में जलाना है।
मंज़िल को हमें हर हाल में पाना है।।
दुख की नदियाँ को पार करना है।
सुख के सागर का द्वार ढूंढना है।।
अपनी कहानी सुनहरे पन्नों से लिखनी है।
अपनी ज़िंदगानी ख़ूबसूरत बनानी है।।
विवेक शर्मा