मुहब्बत, दोस्ती के रास्ते मैं
बहारें लूटने के वास्ते मैं
यही या रास्ता जब याद आया
गया पहचान अगले रास्ते मैं
तुम्हारे वास्ते मैं हूँ यक़ीनन
मगर क्या हूँ तुम्हारे वास्ते मैं
दुआ दूँगा कि मंज़िल मार लो तुम
दिखा दूँगा तुम्हें वे रास्ते मैं
तुम्हारी ही ख़ुशी मेरी ख़ुशी है
तुम्हारे ही मज़े के वास्ते मैं
नहीं मालूम आख़िर का मुझे कुछ
मगर ये है वफ़ा के रास्ते मैं
पुराना दिल तुम्हारा चाहता हूँ
नई इक ज़िंदगी के वास्ते मैं
केशव शरण
वाराणसी, उत्तर प्रदेश