गंगापुर सिटी- गंगापुर के सुप्रसिद्ध कवि व्यग्र पाण्डे की नवीन पुस्तक- अठखेलियां शब्दों की... का विमोचन दिनांक 31/12/2024 को गौरव मैरिज होम में हुआ। क…
Read more »मां मां क्या हमारे पूर्वज बहुत बड़े ज्योतिषी थे? सड़क बुहारने वाली लक्ष्मी की चार साल की बिटिया ने लक्ष्मी से पूछा। क्यों ऐसा क्यों पूछ रही है.... कि…
Read more »जनवरी के महीने में कड़ाके कि ठंढ़ पड़ रही थी | लोग अपने घरों में पहने ओढ़े दुबके हुए थे | घर से बाहर निकलने की हिम्मत कम ही लोग जुटा पा रहे थे | थोड़ा …
Read more »जगदेव प्रसाद एक सच्चे सीधे साधे इंसान थे । उनकी पत्नी जानकी देवी भी एक कर्तव्यनिष्ठ और परम साध्वी स्त्री थी । जगदेव प्रसाद रमाई पुर गाँव के रहने वाले…
Read more »मनोहर भाई! तीन लड़के हैं मेरे, इनमें से एक को कृषि कार्य, एक को उच्च शिक्षित कर सेना में, और एक को राजनीति में भेजने की सोच रहे हैं। बताओ मेरा विचार …
Read more »श्रद्धा की मां पूजा का व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक था। अलौकिक सौन्दर्य की स्वामिनी थी पूजा। जो भी उनसे मिलता था वह उनसे प्रभावित हुवे बिना नहीं रहता था…
Read more »कामता बाबू को लोग दफ़्तर में गाँधी जी कहा करते थे । कंपनी काम के प्रति पूर्ण समर्पित ! यह समर्पण की भावना उनके रिटायरमेंट के बाद भी किसी आदत की भाँत…
Read more »'दैनिक मुहूर्त अख़बार' के लखनऊ कार्यालय के बड़े़ से कमरे पहुँचते ही नीरजा ने सामने बैठे व्यक्ति से पूछा-"सम्पादक जी?" …
Read more »जीवन में वनवासी जीवन होना बहुत जरूरी है। राम ने चौदह साल वनवास किया था; तभी वह प्रभु राम हो सके थे। कृष्ण भी अपना स्थान छोड़ दिया था। बिना वनवास के, …
Read more »परिचय- एक सम्पूर्ण शिक्षण चक्र को ध्यान से देखा जाए तो इसके तीन हिस्से नज़र आते हैं। पहले हिस्से को शिक्षण कार्य से पूर्व की तैयारी, दूसरे हिस्से को …
Read more »“गलत होने की कीमत, कुछ न करने की कीमत से कम है” मानव इतिहास के इतिहास में, प्रगति हमेशा उन लोगों द्वारा संचालित की गई है जिन्होंने अनिश्चितता के बावज…
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