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मात


श्रद्धा की मां पूजा का व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक था। अलौकिक सौन्दर्य की स्वामिनी थी पूजा। जो भी उनसे मिलता था वह उनसे प्रभावित हुवे बिना नहीं रहता था। बचपन से श्रद्धा यही देखते हुये बड़ी हुई थी। श्रद्धा के स्कूल में पेरेंट्स टीचर मीटिंग में भी पूजा को हर टीचर्स बहुत तवज्जो देते थे। क्लास के दूसरे बच्चों के माता पिता भी पूजा से जान पहचान बढ़ाने की कोशिश करते रहते थे। श्रद्धा कितने भी अच्छे नंबर लाती थी । लेकिन क्लास टीचर श्रद्धा की तारीफ से ज्यादा पूजा जी की तारीफ करती थी। वह कितनी सुंदर है। लगता ही नहीं की एक 13 साल की किशोरी की मां है आदि आदि।

श्रद्धा के पिता भी पूजा के ही आगे पीछे घूमते रहते थे। किंतु श्रद्धा रंग रूप में मां जैसी नही थी। वैसे श्रद्धा पढ़ने में बहुत होशियार थी हमेशा ही क्लास में प्रथम आती थी। एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टीविटी में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती थी। किंतु मां के सौंदर्य के आगे श्रद्धा की योग्यता की चमक फीकी सी लगती थी।

किसी भी सामाजिक समारोह में जाने पर लोग यही कहते थे काश श्रद्धा दिखने में मां जैसी होती। यह बात श्रद्धा को खीझ से भर देती थी । श्रद्धा को ट्यूशन पढ़ाने के लिए एक टीचर आते थे। वह श्रद्धा की कुशाग्र बुद्धि की बहुत तारीफ करते थे। श्रद्धा को भी वह ट्यूशन के सर बहुत अच्छे लगते थे। दिन ठीक ठाक गुजर रहे थे। एक दिन अचानक जब श्रद्धा की मां यानी पूजा खुद चाय लेकर टयूशन वाले सर के सामने हाज़िर हो गई थी क्योंकी उस दिन उनकी घरेलू नौकरानी छुट्टी पर थी। पूजा को देखते ही ट्यूशन सर बस पूजा को देखते ही रह गए। यह बात भी श्रद्धा से छुपी नहीं रह गई थी। अब धीरे धीरे श्रद्धा को पूजा से चिढ़ होने लगी थी। अपनी ही मां के साए से बचने के लिए श्रद्धा अपनी कॉलेज की पढ़ाई के लिए विदेश चली गईं। उसे मां की पहुंच से काफी दूर जाना था। जहां वह मां के साथ अपनी तुलना से बच सके । पूजा अपने रूप सौंदर्य में मस्त थी। बेटी को कभी समझ नही सकी। और श्रद्धा को अपनी मां से कोई खास लगाव रह भी नहीं गया था। पढ़ाई तो मात्र एक बहाना था पूजा से दूर जाने का। अब सब कुछ ठीक चल रहा था। अचानक एक दिन श्रद्धा के पिता जी का फ़ोन आया और थोड़ी बहुत इधर उधर की बातों के बाद उन्होंने कहा बेटा श्रद्धा तेरा छोटा भाई एक लड़की से विवाह करना चाहता है। लड़की काफी अच्छी है। अपने ही जात बिरादरी की भी है फिर भी तेरी मां इस शादी के लिए राजी नहीं हो रही है। तू ही अपनी मां को समझा। श्रध्दा को अचानक ही पिता को बाते सुन कर घर की याद आने लगी और छोटे भाई ईशान को भी मिस करने लगी मां से भी मिलना चाहती थी कि कारण तो पता चले। आखिर मां को ये रिश्ता क्यों नही पसन्द है। । श्रद्धा अगले ही हफ्ते भारत आ गई। श्रध्दा को मिल कर पूरा परिवार बहुत खुश हुवा। और श्रद्धा को उसका भाई अपनी पसंद की लड़की यानी पल्लवी से मिलवाया। श्रद्धा को पल्लवी काफी अच्छी लगी उसने भी भाई की पसन्द को खुशी खुशी स्वीकार किया। अब मां को भी हार कर शादी के लिए हां करनी पड़ी।

अब तय यह हुआ कि श्रद्धा के रहते रहते ही विवाह का आयोजन कर दिया जाय। क्यों की श्रद्धा को दुबारा इंडिया आने में काफी समय लग जाता और फिर 15 दिन में विवाह का आयोजन किया गया। ।

जब बहू घर आई सब लोग एक स्वर में उसके रूप सौंदर्य की तारीफ करने लगे। रूप रंग में पल्लवी पूजा को बहुत पीछे छोड़ दी। उसको देखने वाले देखते ही रह गए। उस समय श्रद्धा ने देखा मां के चेहरे पर पराजय के भाव दिख रहे थे। श्रध्दा ने मां की पीड़ा को बड़े ही अच्छे से समझा और अब उसे यह जानते देर ना लगी की क्यों मां इस रिश्ते से क्यों खुश नहीं थी। आज पहली बार उसकी मां को मात मिली थी।

श्रद्धा सोच रही थी काश मां के इस खूबसूरत चेहरे के पीछे छिपे इतनी घटिया सोच वाले चेहरे को अगर लोगो ने जाना या देखा होता तो कोई भी शायद ही उसकी तारीफ करता।

आज श्रद्धा को खुद का चेहरा मां के चेहरे से हज़ार गुना सुंदर दिख रहा था। सारा परिवार अभी शादी की थकावट मिटा ही रहा था की उनके दरवाजे पर एक ऑडी कार आ कर रुकी। ड्राइवर ने बड़े ही अदब से दरवाजा खोला और उसमें से एक मशहूर ब्यूटी ब्रांड के कंट्री हेड मिस्टर मिस्टर बजाज उतरे और उन्होंने श्रद्धा से मिलने की इच्छा जताई। श्रद्धा के आश्चर्य की सीमा ना रही। मिस्टर बजाज ने उसे अपने नए लॉन्च होने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट के लिए श्रद्धा को अपना मॉडल बनने की पेशकश की। हालाकि पूजा को लग रहा था की कंपनी वाले उसे ही मॉडलिंग का ऑफर देगे। और वह शायद उसके नाम को लेकर कन्फ्यूज हो रहे होंगे। इस लिए वह जान बूझ कर खुद भी वहां चली गई।लेकिन जब मिस्टर बजाज ने श्रद्धा से एक मॉडलिंग की रिक्वेस्ट की तो श्रद्धा ने बड़ी ही विनम्रता से मना कर दिया। श्रद्धा ने कहा उसको नेक्स्ट वीक में वापस यूएसए जाना है। लेकिन मिस्टर बजाज ने कहा कि वो उसका इंतजार कर लेंगे लेकिन उसके एड की हीरोइन श्रद्धा ही होगी। श्रद्धा को इतना बड़ा ऑफर मिलते देख पूजा जल भुन गई। वह सोच रही थी इस शानदार ऑफर को कैसे हथियाया जाय। अगले दिन सर से पांव तक सज धज कर पूजा मिस्टर बजाज से मिलने उनकी कंपनी में पहुंची। और उसने कहा कि वह पूजा है और अगर श्रद्धा विज्ञापन नही करना चाहती है तो वह खुशी खुशी इस विज्ञापन को कर देगी और फिर उसने कहा की वह श्रद्धा से कहीं ज्यादा हसीन है।

उसकी बात सुन कर मिस्टर बजाज हंसने लगे उन्होंने कहा मिसेज पूजा जी आप की सुंदरता में वो बात नही है। हमारे प्रोडक्ट की नायिका में ब्यूटी विद ब्रेन का कॉन्सेप्ट होना चाहिए जो सिर्फ और सिर्फ श्रद्धा में श्रद्धा जी में है। सेल्फ कॉन्फिडेंस का जो ग्लो उनके चेहरे पर है वह क्रीम पाउडर से लिपि पुती किसी महिला में कहां हो सकता है। ,"श्रद्धा इज द बेस्ट मॉडल फॉर आवर प्रोडक्ट"। इसके आगे पूजा कुछ सुन ना सकी। आज श्रद्धा की खूबसूरती को दुनिया सलाम कर रही थी।

प्रज्ञा पांडेय मनु

वापी गुजरात