उसी काम को करते रहना
जिससे जग में मान मिले
अपने और पराये को भी
रंच नहीं अपमान मिले
उसी काम की अलख जगाना
जिससे भारत खिल जाए
दीन दुखी को भी दुनिया में
खुशी खजाना मिल जाए
उसी काम में लगन लगाना
जिससे भय का भूत भगे
शौर्य चेतना शंखनाद कर
देश प्रेम दिन रात जगे
उसी काम में रुचि लेना तुम
जिससे शुभ परिवेश गढ़े
नित्य प्रेरणा पाकर पावन
जिससे अपना देश बढ़े
इसीलिए है निडर निवेदन
सच्चे पथ पर आ जाओ
कर्म ज्ञान ईमान के बल पर
सारे जग में छा जाओ
देवेन्द्र कश्यप 'निडर'
सीतापुर , उ० प्र०