कागज की जमीन में
कलम के हल से
बोया करता कवि
किसान बनकर
शब्दों के बीज
भावों से सिंचित
प्रस्फुटित होते अंकुर
समय पाकर
फिर आकार लेती
परिश्रमजनित
कविता
फसल रूप में
व्यग्र पाण्डेय
कर्मचारी कालोनी,
गंगापुर सिटी, राजस्थान- 322201
कागज की जमीन में
कलम के हल से
बोया करता कवि
किसान बनकर
शब्दों के बीज
भावों से सिंचित
प्रस्फुटित होते अंकुर
समय पाकर
फिर आकार लेती
परिश्रमजनित
कविता
फसल रूप में
व्यग्र पाण्डेय
कर्मचारी कालोनी,
गंगापुर सिटी, राजस्थान- 322201