मुसीबतों से लड़ना पड़ेगा

अरुणिता
द्वारा -
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मुसीबतें  तो  दोस्तों  जीवन  में  धूप  छांव  सी आएंगी

जीवन का सही आईना आख़िर ये  ही  हमें  दिखाएंगी।

मग़र जो  धैर्य से  इनका  डटकर सामना  कर  जाता  है

एक वही जीवन में अपनी उस तय मंजिल को पाता है।।


माना कि राहों में कभी फूल तो कभी  शूल भी  मिलेंगे

होंगे कुछ मुखातिब तुमसे तो कुछ मकदूल भी  मिलेंगे।

परीक्षाओं की उस अगन में  तपकर तुम्हें सोना होना  है

काटकर बबूल आंगन से अब गेंदा गुलाब तुम्हें बोना है।।


मुसीबतों  का ये दौर  सदैव ही नहीं ये  कभी तो घटेगा 

चन्द्रमा पर अमावस का दाग़  पक्ष  बाद भी तो  हटेगा।

रातें  तमिस्र की  जितनी, छटनी  हैं एक  दिन ये तय  है

बस दूर करना है वो जो अन्तर्मन में ठहरा हुआ भय है।।


बिना संघर्षों के दोस्त जीवन की कहानी कहां  बनती है

बिना ग़म और  ख़ुशी के भी तो ये सुहानी कहां बनती है।

पतझड़ के  बीत  जाने  पर जैसे रुत  बसंत की आती है

वैसे ही पल पल करवट बदलते जीवन में रवानी आती है।।


सीमा शर्मा "तमन्ना" 

नोएडा उत्तर प्रदेश 


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