तुम्हारे घर देर तक ना आने से
मेरी तो धड़कन बढ़ जाती हैं,
पिया बस यूँ ही मेरे नए कपड़े गहने
देख बरसो ना मुझ पर
सूनी उजडी धरा किसको सुहाती है,
पिया बस यूँ ही हंसते मुसकराते देख
लड़ो ना मुझसे हंसती मुस्काती हुईं
स्त्री ही तो घर की लक्ष्मी कहलाती हैं,
पिया बस यूँ ही नहीं नजरें फेरो
मुझसे प्रेममय नजरें ही तो
गुलाब पर ओस की बूँद की भूमिका निभाती है,,
पिया बस यूँ ही लगा लो आज फिर हृदय से
तुम्हारे दिल की धड़कन
मेरे जीवन का संगीत बन जाती हैं...
रानी शर्मा
धौलपुर बाड़ी
राजस्थान