श्वास की माला जपूँ चैतन्य का तिलक लगाऊँ ज्ञान का जनेऊ धर प्रभु तुझमें खो जाऊँ।।1।। प्रेम का यज्ञ करूँ अहं की समिधा जलाऊँ मिटने का संकल्प कर प्रभु त…
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