
काव्य-सरिता
प्रभु तुझमें खो जाऊँ
श्वास की माला जपूँ चैतन्य का तिलक लगाऊँ ज्ञान का जनेऊ धर प्रभु तुझमें खो जाऊँ।।1।। प्रेम का यज्ञ करूँ अहं की समिधा जल…
श्वास की माला जपूँ चैतन्य का तिलक लगाऊँ ज्ञान का जनेऊ धर प्रभु तुझमें खो जाऊँ।।1।। प्रेम का यज्ञ करूँ अहं की समिधा जल…