
काव्य-सरिता
चिड़िया
झुकी हुईं डाली के अंतिम छोर पर बैठी चिड़िया हिचकोले खाती हुई संसार को कभी दाएं कभी बाएं से निहारती हुई मन में वि…
झुकी हुईं डाली के अंतिम छोर पर बैठी चिड़िया हिचकोले खाती हुई संसार को कभी दाएं कभी बाएं से निहारती हुई मन में वि…