शहरीकरण की दौड़ में, बहुत आगे निकल गए हम... पीछे छूट गए हैं, अब तो सारे गाँव हमारे! नित नए अविष्कार पर... जश्न मना रहे हैं हम लेकिन, सुबक रहे हैं देख…
Read more »हारकर न हो तू कभी उदास, कर पुनः अथक प्रयास! ये जंग आख़िरी जंग नहीं, जीवन के हर मोड़ पर... आते नित नए जंग है! रख हौसला, मत भूल तेरे अपने भी तेरे संग है!…
Read more »सत्य का तेज है सूर्य समान , इसकी तपिश के आगे... झूठ का बादल कहाँ टिक पाता है? करे लाख कोशिश अपने बचाव में... पर अंततः जल ही जाता है! …
Read more »मन मेरा बावला है सखी! माने ना, इत- उत उड़ जाए... मैं भागूँ पीछे- पीछे इसके, हाथ मेरे ये कभी ना आए...! कब भला ये किसी की सुनता है, नित …
Read more »जाड़े का मौसम यानि कि रजाई में दुबककर देर तक सोना, गरमागरम चाय की प्याली, धूप की गुनगुनाहट, गर्म पानी से नहाना और न जाने क्या- क्या...। हमा…
Read more »ये जीवन पुष्पित सेज नहीं, पथ में बिखरे विघ्नों के शूल हजार! लक्ष्य उसे ही मिलता है जो हर चुनौती को करे हँसकर स्वीकार!! तपस्वी सम जीवन हो जिनक…
Read more »बाबुल मैं हूँ... अधखिली- सी एक कली! फूल बनकर मुझको भी... बगिया में अपने तुम, खिल जाने दो न! बाबुल मैं हूँ... तेरे ही घोंसले की, न…
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