
काव्य-सरिता
बेहया
ना करतीं मनुहार उग जाती घर के कौन- कौन मध्यम मन के आंच में ना पढी ना सुनीं किसी ने मन की कोई थ्योरी उसकी गणित की बन…
ना करतीं मनुहार उग जाती घर के कौन- कौन मध्यम मन के आंच में ना पढी ना सुनीं किसी ने मन की कोई थ्योरी उसकी गणित की बन…