काव्य-सरिता
मैं कवि हूँ
मैं कवि हूँ , मैं कविता लिख रहा हूँ । मैं जो देख रहा हूँ , बस वही रच रहा हूँ । दिल पे हाथ रखकर, मैं सच लिख रहा हूँ । म…
मैं कवि हूँ , मैं कविता लिख रहा हूँ । मैं जो देख रहा हूँ , बस वही रच रहा हूँ । दिल पे हाथ रखकर, मैं सच लिख रहा हूँ । म…
नववर्ष पर मेरी है, सबके लिए मंगल कामना। न रहे कोई दीन-दुखी, है यही सबके प्रति शुभकामना। ढोल, नगाड़े, मृदंग बाजे, मेरी य…