अमित कुमार

मेरे पिता

आदर्शों की ऊँचाई हैं मेरे पिता, नैतिकता की परछाईं हैं मेरे पिता, अनगिनत दुख-शोक-व्याधि झेलकर बने नीलकण्ठ विषपायी …

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!