न जाने कौन सी इच्छा,कौन सी शिक्षा बाकी है खुद से नाता जुड़ सके,यही दीक्षा तो बाकी है। उजाड़ कर दिया हर चमन खुद से ही खुद का, फिर भी कितना अभिमान अभी…
Read more »चलते थे जो कभी संग हमारे, बन गए वो आकाश के तारे, अश्रुपूरित नयन हमे दे कर, ईश्वर के ही हो जाते प्यारे।। चलती रहती फिर भी जिंदगी, सुख दुःख संग संग ह…
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