कथा-सिन्धु

संस्कृति की समझ

मां मां क्या हमारे पूर्वज बहुत बड़े ज्योतिषी थे? सड़क बुहारने वाली लक्ष्मी की चार साल की बिटिया ने लक्ष्मी से पूछा। क्य…

चलो चलें गाँव की ओर

जनवरी के महीने में कड़ाके कि ठंढ़ पड़ रही थी | लोग अपने घरों में पहने ओढ़े दुबके हुए थे | घर से बाहर निकलने की हिम्मत कम…

परवरिश

जगदेव प्रसाद एक सच्चे सीधे साधे इंसान थे । उनकी पत्नी जानकी देवी भी एक कर्तव्यनिष्ठ और परम साध्वी स्त्री थी । जगदेव प्र…

सही सोच

मनोहर भाई! तीन लड़के हैं मेरे, इनमें से एक को कृषि कार्य, एक को उच्च शिक्षित कर सेना में, और एक को राजनीति में भेजने की…

मात

श्रद्धा की मां पूजा का व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक था। अलौकिक सौन्दर्य की स्वामिनी थी पूजा। जो भी उनसे मिलता था वह उनसे प…

गाँधी धुन

कामता बाबू को लोग दफ़्तर में गाँधी जी कहा करते थे । कंपनी काम के प्रति पूर्ण समर्पित ! यह समर्पण की भावना उनके रिटायरम…

गन्दगी

'दैनिक मुहूर्त अख़बार' के लखनऊ कार्यालय के बड़े़ से कमरे पहुँचते ही नीरजा ने सामने बैठे व्यक्ति से पूछा…

वो नाश्ता

‘फिर से सूखी रोटी और आलू की सब्जी। पिछले तीन महीने से यही खाना खा-खाकर ऊब चुका हूं। मैं नहीं खाऊंगा’ -खाने की थाली को ग…

दरोगा जी, चोरी हो गई

मुरारी की साइकिल चोरी हो गई बाजार से। मुरारी थाने गया रिपोर्ट लिखाने।हाथ में तहरीर देखकर दरोगा ने मुरारी को घूर कर देखा…

पथ से गन्तव्य तक

मेरी सेवानिवृत्ति में अब मात्र एक वर्ष ही तो शेष रह गये हैं। जीवन के विगत् सत्ताइस वर्ष ऐसे व्यतीत हो गये जैसे सत्ताइस …

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