‘फिर से सूखी रोटी और आलू की सब्जी। पिछले तीन महीने से यही खाना खा-खाकर ऊब चुका हूं। मैं नहीं खाऊंगा’ -खाने की थाली को गुस्से में उलटते हुए पप्पू ने क…
Read more »मुरारी की साइकिल चोरी हो गई बाजार से। मुरारी थाने गया रिपोर्ट लिखाने।हाथ में तहरीर देखकर दरोगा ने मुरारी को घूर कर देखा फिर हड़काते हुए पूछा-क्या है? …
Read more »मेरी सेवानिवृत्ति में अब मात्र एक वर्ष ही तो शेष रह गये हैं। जीवन के विगत् सत्ताइस वर्ष ऐसे व्यतीत हो गये जैसे सत्ताइस दिन। कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता ह…
Read more »सेठ सीताराम दास के घर किन्नर झूम-झूम कर नाचते हुए उनसे बख्शीश की माँग कर रहे थे। कल रात बड़ी पार्टी हुई थी,उनके बेटे-बहु को पुत्री प्राप्त होने की खु…
Read more »आनन्द परेशान हालत में घर पहुंचता है। घर में पत्नी रश्मि छ: साल की बच्ची पीहू को पढ़ा रही है। कॉल बेल की आवाज़ आते ही पीहू खुशी से बोल उठती है -- '…
Read more »झमाझम बारिश हो रही थी । पूस के महीने की बारिश ठंड का कहर ढा देती है । मंजरी अकेली अपने कमरे के दरवाजे से इस नजारे को देख रही थी । बहुत देर से मन कर र…
Read more »खैरी गैया की आँख से बहते आँसू देख अचानक से बासु चौंक उठा था । तत्काल उसे समझ में नहीं आया कि वो उसको देख रोने लगी है या पहले से ही रो रही थी । सुबह उ…
Read more »मनोहर बीसों वर्ष बाद आज अपने पैतृक गांव आया था।बचपन की विसंगतियों के कारण वह अपने नाना के घर चला गया था।वहीं पढ़ा लिखा और सरकारी नौकरी में चला गया।गां…
Read more »‘राजू…राजू… जरा गेहूं पीसवा कर लेते आना। और आते समय पापा के लिए ये दवाइयां भी लेते आना’ -श्यामा जी ने अपने ग्यारह वर्ष के बेटे को प्रेस्क्रिप्शन थमात…
Read more »अंजना देवी अपने सर्व सुविधायुक्त शानदार कमरे के नरम मुलायम व आरामदायक बिस्तर पर लेटी हुई, ऊपर छत की ओर टकटकी लगाए न जाने कब से बिना पलक झपकाए निहार र…
Read more »आंगन में प्रवेश करते ही मनोहर चिल्लाते हुए बोले-"अपने लाड़ले को समझाओ! नहीं तो एक दिन लेने के देने पड़ जाएंगे। हम साधारण लोग हैं और साधारण ढंग स…
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