काव्य-सरिता

विश्वास का राग

यह विश्वास का जो राग है न- वह समागम के लिए नहीं होता, नही होता है- प्रतिपल …

सुकून

जिसकी तलाश में भाग रहा है हर शख्स सुबह, शाम चारों पहर, शिद्दत से लगा है कमाने में धन-दौलत,नाम-शोहरत, पर पाकर भी उसे नह…

सारे जग में छा जाओ

उसी काम को करते रहना जिससे जग में मान मिले अपने और पराये को भी रंच नहीं अपमान मिले उसी काम की अलख जगाना …

ख़ामोशी

रात भर ख़ामोशियों से बात मेरी होती है, तन्हाइयों से, गहरी मुलाक़ात मेरी होती है। इन वीरान लम्हों में, संग्राम दिल से चल…

सत्य

हम भ्रम में होते है ये संसार है जहाँ दो दिन की मोहलत मिलती है बस एक याद बने रहने की कोई फर्क नही पड़ता..कौन चला जाएगा क…

यात्रा

रक्त की उष्णता पाकर गर्मी में निकल आये कुछ भेक भेकी सफेद धागों में काले मोती पिरोकर सोचा था भर देंगे पृथ्वी को अपने नन्…

मैं कवि हूँ

मैं कवि हूँ , मैं कविता लिख रहा हूँ । मैं जो देख रहा हूँ , बस वही रच रहा हूँ । दिल पे हाथ रखकर, मैं सच लिख रहा हूँ । म…

मिट्टी की कोख

बंधों न किसी भ्रम के फंदे से न जड़ हो जाओ किसी ठौर गुजरने दो जिंदगी को सहज अच्छे-बुरे और कठिन दौर से कि बंधनों का, बंद…

पर्यावरण संरक्षण

काट काट पेड़ों को हमने,मौत को दस्तक दे डाली। बन गए भवन चारु मगर,विलुप्त सर्वत्र हरियाली है। शहरों के विस्तार हेतु,हमने …

प्रयाण गीत

(तूणक छ्न्द में) कामना करो कि नव्यता सदा बनी रहे। देश में विनीत सभ्यता सदा बनी रहे।। सादगी समेत भव्यता सदा बनी रहे। स्व…

किस कारण साजन छाँह न की

(दुर्मिल सवैया में समस्या पूर्ति) स्थिति ==== पति साथ गई नव दृश्य दिखा, सखि चौंक पड़ी पर आह न की। दुविधा वश भूल गई पत…

झूठ सदा से

झूठ सदा से लगती आई तेज देखने में सुनने में संग बोलने में भी पर बन ना पाई सच आज तक वो सच चमक-दमक से दूर सहजता के पास होत…

चिंतन करें

मिलना हुआ अतिशय कठिन अब शुद्ध वायु, शुद्ध जल। क्यों कर रहे छल प्रकृति से चिन्तन करें हम एक पल। मन मोह लेती थी कभी वह आज…

कल की चिंता छोड़

कल की चिंता छोड़

मत भ्रम पाल रे साथी, कल की चिंता छोड़ रे साथी । मोह- माया का जाल बुरा, मत लालच पाल रे साथी । होड़ किसी की क्या करनी ? क…

एहसास की डोर

एहसास की डोर बँधा प्रियतम, जिस पर तन-मन वारा है, सच्चा और पावन पुनीत सा, बंधन यह मेरा तुम्हारा है। स्नेह श्रृद्धा ,आस्थ…

उम्मीद

दिल में है जिंदा, उम्मीद की कहानी अभी। थक गया हूं बेशक, पर हार न मानी अभी।। काटों भरी राह में, ज़ख्म मिल चुके हैं कई। …

एक गीत

अंतर्मन के हर कोने को, बिन देखे ही छोड़ा तुमने, मुझको केवल अब लगता ये, अनुबंधित-सा जीवन मेरा| अपनी भावों की नदिया को, मै…

आजकल औरतें

आजकल औरतें लिख रही हैं कविताएं अपने अनकहे दर्द की व्यथाएं जिसे अकेली ही झेलती रहीं और होंठों ही होंठों में पीती रहीं। आ…

आज को हम क्यों कल पर छोड़े

जीवन का हर पल अमूल्य है । जीवन रस अमृत तुल्य है ।। बहुत देर तक तुम मत सोना । जीवन मूल्य कभी न खोना ।। आलस्य की कारा अब …

शीत ऋतु

ग्रीष्म ऋतु हो गई मौन,शीत की सजनी कौन हुई गर्मी की अब विदाई, सर्दी ने ली अंगड़ाई चहुंओर व्याप्त शीतलता,उर में उमंग पुष…

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