गौतम पाण्डेय नए पत्तल हरे - हरे सखुए के पत्तल, याद हैं मुझे, खाई है जिसपर मैंने जलेबियाँ, आते थे बनकर दूर के, पहाड़ों में बसे गाँव… द्वारा - अरुणिता अप्रैल 26, 2023