आज फिर से प्रेम की उन गलियों में, जाने को जी चाहता है तेरे पास आकर तुझे, गले लगाने को जी चाहता है, तड़पाती है तेरी यादें मुझे हर पल जानॉं बस एक बार …
Read more »ये कैसा गुबार है छाया मन पर उदासी का है मंज़र तन मन पर फंसे हैं मुश्किलों की मझधार में जीवन को किस ओर ले जायें इस दुनिया संसार में …
Read more »इस संसार रूपी गणित का अध्ययन खूब करते हैं रोजमर्रा की जिंदगी में रिश्तों को जोड़ घटाने का प्रारुप देते हैं जीवन का हर मोड़ है गुणा - भा…
Read more »
Social Plugin