डॉ० सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी

ऋतुराज बसन्त

ऋतुराज    बसन्त   है   आया , संग में   बहुत कुछ है   लाया !   दिनकर   की    गुनगुनी   धूप , मन   को लुभाने …

दिल का दुःख

जिन्हें   घुमाया   अपने   कन्धे , हाथ   पकड़ जिन्हें खिलाया । छोड़    गये   ओ    सारे   बन्दे , जिन्हें वदन का …

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