जगती तल पर प्राणी जो, आया खेलने खेल, देख तमाशा कैसा है, कर्म-भोग का मेल। कर्म-भोग का मेल, ना बाधा डालो उस में, करने दो,भरने दो, जो बोया है जिस …
Read more »नहीं समझ पाता हूँ मन में द्वेष भाव क्यों आता है न चाहने पर भी कोई बात ध्यान में आ जाने पर उस व्यक्ति के प्रति मन यह कहता है उसका बुरा अव…
Read more »किसी प्राणी को दुख ना दें हम किसी का हक़ भी नहीं छीनें हम किसी को हानि ना पहुँचायें श्रम से कभी नहीं घबरायें जो भी करें हो राष्ट्र-ह…
Read more »१ मानव अपनी शक्ति को पहचान ले, चांद पे पहुँच चुका है मानव मान ले l वह क्या जो तेरी शक्ति से है बाहर, अन्तर मन की वृत्तियों को जान ल। …
Read more »नारी और पुरुष की महत्ता जग में एक सामान है नारी ही अब कर सकती अपने देश का कल्याण है आदिकाल में ऋषि मुनियों ने ,नारी का मान बढ़ाया जहाँ नारी सम…
Read more »
Social Plugin