मौसम की तरह आप यूँ ना बदला करो आ जाओ लौटकर अब यूँ ज़िद्द ना करो।। हो रही देर अब यूँ न रुसवा करो मुँह से कुछ तो कहो चाहे शिक़वा करो।…
Read more »मेरे तन और मन की चाहत मेरी अभिलाषा तुम हो मुझको है जिस मन की चाहत वो सुंदर अभिलाषा तुम हो।। आऊं जब जब पास तुम्हारे कुछ भी कह ना पाता हू…
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