
डॉ0 मुकेश अनुरागी
जीवन की बैलेंस
जीवन की बैलेंस शीट में मैंने जब जब देखा प्रोफिट । दुख का ही क्रैडिट हो पाया मुझको दिखता सुख का डेबिट। व…
जीवन की बैलेंस शीट में मैंने जब जब देखा प्रोफिट । दुख का ही क्रैडिट हो पाया मुझको दिखता सुख का डेबिट। व…
खिड़की पर बैठा है बचपन नजरें सड़कों पर। सुबह के निकले मम्मी-डैडी लौटें सांझ पहर। ब्रेड-बटर…