जीवन की बैलेंस शीट में मैंने जब जब देखा प्रोफिट । दुख का ही क्रैडिट हो पाया मुझको दिखता सुख का डेबिट। वादों के सिक्के दिखते हैं ,…
Read more »खिड़की पर बैठा है बचपन नजरें सड़कों पर। सुबह के निकले मम्मी-डैडी लौटें सांझ पहर। ब्रेड-बटर का किया नाश्ता बाई लंच बन…
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