
डॉ0 विवेक कुमार समदर्शी
युद्ध
युद्ध अन्त ही नहीं करते ,बल्कि ये खा जाता है, बड़े से बड़े आदर्श , मूल्य और सभ्यता, विचार और विचारधारा व सिद्धांत जन…
युद्ध अन्त ही नहीं करते ,बल्कि ये खा जाता है, बड़े से बड़े आदर्श , मूल्य और सभ्यता, विचार और विचारधारा व सिद्धांत जन…
मैंने बचपन में एक कहानी सुनी थी एक बार एक राजा के मन में आया कि हमारे राज्य में संपन्नता तो है परंतु खाने म…
कविताएं बनाई नहीं जाती , बल्कि निकल आती हैं, जैसे हिमालय के हृदय रूपी ग्लेशियर पिघलते हैं, तो नदियों के रूप ले …