
डॉ0 शरद नारायण खरे
आशा-वन्दना
आशा से आकाश है,आशा में आलोक। आशाएँ करतीं सदा,पराभूत हर शोक।। आशाएँ हों बलवती,तो जीवन भरपूर। आशाओं से हर खुश…
आशा से आकाश है,आशा में आलोक। आशाएँ करतीं सदा,पराभूत हर शोक।। आशाएँ हों बलवती,तो जीवन भरपूर। आशाओं से हर खुश…