जला दिए पंख उसके, कुचल दिया सपनों को। क्या खुश हो गया तू, रुला उसके अपनों को। वो तो चली गई, क्या तू खुश रह पाएगा? तोड़कर एक आशियाना…
Read more »सुनो! तुम उड़ जाओ आसमां को छू जाओ। न रहो तुम पिंजरे में अपनी राह चली जाओ। जा रही हो अकेली डर तो न जाओगी? इतने बड़े आसमां में …
Read more »एहसास भी हैं, जज़्बात भी हैं। मेरे दिल में ख्वाहिशें बेहिसाब भी हैं। न खेलो मुझसे मैं एक नारी हूँ। इस संसार को मैं जन्म देने वाली …
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