दीक्षा शर्मा

उसने ना कहा था

जला दिए पंख उसके, कुचल दिया सपनों को। क्या खुश हो गया तू, रुला उसके अपनों को।   वो तो चली गई, क्या तू खुश…

उड़ान

सुनो! तुम उड़ जाओ आसमां को छू जाओ। न रहो तुम पिंजरे में अपनी राह चली जाओ।     जा रही हो अकेली       डर तो न जा…

मैं एक नारी हूँ

एहसास भी हैं, जज़्बात भी हैं। मेरे दिल में ख्वाहिशें बेहिसाब भी हैं।   न खेलो मुझसे मैं एक नारी हूँ। इस …

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