कुछ न ले जाना है फिर भी दिल को सब पाना है फिर भी आग, जल, भू, वायु , नभ में कल बिखर जाना है फिर भी खेलता है पत्थरों से आईना ख़ा…
Read more »सियासत में जो बरसों से पड़े हैं समझ लीजे कि वे चिकने घड़े हैं ब स इक अपना ही कद है सबसे छोटा …
Read more »जो सामने नदी हो तो अधर पे प्यास भी हो न उधार की ख़ुशी हो सचमुच की ज़िन्दगी हो हर दिल में …
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