नितिन तिवारी

उम्मीद

दिल में है जिंदा, उम्मीद की कहानी अभी। थक गया हूं बेशक, पर हार न मानी अभी।। काटों भरी राह में, ज़ख्म मिल चुके हैं कई। …

फ़र्ज़ की आग

कुछ फर्ज थे मेरे, जिन्हें यूं निभाता रहा। खुद को भुलाकर, हर दर्द छुपाता रहा।। आंसुओं की बूंदें, दिल में कहीं दब…

पत्ता टूटा पेड़ से

बेज़ान हो गया वो , कभी जो था हरा भरा।   एक पत्ता टूटा पेड़ से , और ज़मीं पर जा गिरा।।              एक अरसे से , श…

प्रेम राही

एक घने कोहरे से, गुजर रहे है हम इन दिनों | नजरों के सामने होकर भी, नजर वो आते नहीं || दो कदम बढ़ाकर रुक गए वो, और हम चल…

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