
नीतू रवि गर्ग
पक्षियों की व्यथा
कभी-कभी बचपन के दिन बड़े याद आते, घूमा करते थे ईद गिर्द, चिड़िया गुरसल कौवे, उनको गिन कर लगाते थे अंदाजा, आएगा कोई मेह…
कभी-कभी बचपन के दिन बड़े याद आते, घूमा करते थे ईद गिर्द, चिड़िया गुरसल कौवे, उनको गिन कर लगाते थे अंदाजा, आएगा कोई मेह…
देखो देखो भारत ने रच दिया फिर एक नया इतिहास , बड़ी कठिनाइयों के बाद चांद पर पहुंच गया चंद्रयान। चांद को सुना करते…
मेरे जीने की वजह तुम हो मुस्कुराने की वजह तुम हो तुम से ही खिलती है जिंदगी मेरी मेरी धड़कन में तरानो की वजह…
अंजन मसि से लिखूं मैं पाती, तुम बिन मन रुदन करता बाती, आ जाओ जल्दी मेरे प्रियवर साथी, तुम बिन सूनी हो गई मेरी र…
पुराने जमाने में लिफाफे में बंद कुछ अल्फाज होते थे, जिन्हें पढ़कर हम सकुन पाते थे। मां भाई बहन मौसी बुआ चाचा, ना…