कभी-कभी बचपन के दिन बड़े याद आते, घूमा करते थे ईद गिर्द, चिड़िया गुरसल कौवे, उनको गिन कर लगाते थे अंदाजा, आएगा कोई मेहमान,चिट्ठी या लिफाफा, ची ची क…
Read more »देखो देखो भारत ने रच दिया फिर एक नया इतिहास , बड़ी कठिनाइयों के बाद चांद पर पहुंच गया चंद्रयान। चांद को सुना करते थे हम कविता कहानियों में , …
Read more »मेरे जीने की वजह तुम हो मुस्कुराने की वजह तुम हो तुम से ही खिलती है जिंदगी मेरी मेरी धड़कन में तरानो की वजह तुम हो देखे हैं बहुत सा…
Read more »अंजन मसि से लिखूं मैं पाती, तुम बिन मन रुदन करता बाती, आ जाओ जल्दी मेरे प्रियवर साथी, तुम बिन सूनी हो गई मेरी राती। हृदयतल में बसी है त…
Read more »पुराने जमाने में लिफाफे में बंद कुछ अल्फाज होते थे, जिन्हें पढ़कर हम सकुन पाते थे। मां भाई बहन मौसी बुआ चाचा, ना जाने कितने रिश्ते नाते निभाते…
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