पूजा गौतम
विरह योग

विरह योग

रूष्ट होते वचनों से            केश खींचें निकाली गई              विरह अग्नि में भस्म जली अपमानित जन बांधी गई …

घायल की गति घायल जाने

घायल की गति घायल जाने कितनी पीड़ा आधार बताये वफादारी में सन्ताप रहा है प्रेम विफल है याद दिलाएं             …

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn more
Ok, Go it!