
पूजा गौतम
विरह योग
रूष्ट होते वचनों से केश खींचें निकाली गई विरह अग्नि में भस्म जली अपमानित जन बांधी गई …
रूष्ट होते वचनों से केश खींचें निकाली गई विरह अग्नि में भस्म जली अपमानित जन बांधी गई …
घायल की गति घायल जाने कितनी पीड़ा आधार बताये वफादारी में सन्ताप रहा है प्रेम विफल है याद दिलाएं …