लहनदार भट्टी से निकलने वाली आग की लाल चिन्गारियों के बीच लोहा और पत्थर कूटने वाले बन्जारों को कभी आपने देखा है चलिए, छोड़िए, आपके पास वक्त ही कहां है…
Read more »ओ करूणा, तेरी आँखों में आँशु हमेशा रोती रहती है क्या रात भर तू सोती नहीं है जब भी तुम्हारे बारे में सोचता हूँ कितने ही चेहरे सामने आ जाते हैं मी…
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