या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। देवी आराधना सांसारिक जीवन की नितांत आवश्यकता है। देवी, शक्ति व भक्ति …
Read more »माह फरवरी आतुर है मन, धरा प्रेम बरसाई, सुरभित गुलाब की पंखुड़ियाँ, शूल मध्य इठलाती। देख दृश्य पुलकित है कण-कण, कोयल गीत सुनाती।। पात–पात तरुवर झूमे ज…
Read more »"शीला मुझे तुम्हारी बहुत फिक्र हो रही है, और होगी भी क्यों नहीं; उनतीस बरस की जो हो गई हो। शादी की उम्र हो गई है तुम्हारी। पता नहीं तु…
Read more »नींद नहीं है इन रातों में, करती छुपम–छुपाई है। चाँद रोशनी की मिली झलक , है खिड़की पर दुबके से, टिम–टिम करते इन तारों क…
Read more »करू–करू लोगन के बोली, मोला अब्बड़ रोवाथे। कच्चा लकड़ी कस गुँगवावत, अंतस के पीरा सहिथँँव, बैरी होगे ये दुनिया हर, …
Read more »मुझे पढ़ी जिसने इस जग में , जीवन तिमिर मिटाया है। नन्हें बालक हो या बूढ़े , ज्ञान –अमृत को पाया है।। अक्षर अक्षर शब्द बने हैं , मंद बुद्धि खु…
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