
प्रिया पाण्डेय 'रौशनी'
झील का दर्पण
तुझमे ही खोई रहू मैं, है दिल मेरा कह रहा तुझमे ही खो जाऊ मैं, एक टक उसे निहारु मैं, एक चाँद को चांदनी रात में…
तुझमे ही खोई रहू मैं, है दिल मेरा कह रहा तुझमे ही खो जाऊ मैं, एक टक उसे निहारु मैं, एक चाँद को चांदनी रात में…