
नव वर्ष
नव वर्ष तू करता नहीं, विमर्श| बारह महीने बाद, हर बार कटकटाती ठंडक में, आ जाता है| बहुतो को, बहुत ही भाता है| पर हर कोई …
नव वर्ष तू करता नहीं, विमर्श| बारह महीने बाद, हर बार कटकटाती ठंडक में, आ जाता है| बहुतो को, बहुत ही भाता है| पर हर कोई …
अम्बर होता, अचला होती, शिव की नगरी काशी होती| पर जान मृत्यु ना आएगी, कुढ़ता नर की विषता होती|| यदि मृत्यु न होती| सं…
मेरे घर की मुँडेर पर, भोर एक गौरैया आती। प्याले में रक्खे दानों को, चूँ-चूँ करती खाती जाती॥ उड़ जाती वो बिना बताये, अ…
- १- धैर्य नही रख पाये यदि तो , शान्ति नही आ पाएगी। मुख से निकली सुर-वाणी भी , …
नया वर्ष कुछ ऐसा आवै। सुंदर,सरस,सौम्य वाणी, मन को पुलकित कर जावै। रूप सदा निष्कपट रूप में, …
दीपावली पर्व खुशिओं का , आओ इसे मनायें । घर की सभी मुंडीरों पर , माटी के दिये जलायें।। जगमग-जगमग हो सारा जग , प्र…
शत-शत है नमन मेरा उनको , जो जेठ की गर्मी सहते हैं। घनघोर बरसते पानी में , भी कठिन परिश्रम करते हैं॥ अन्…