
ब्रह्मानन्द गुप्ता ब्रह्मपाद
वह सांवली लड़की
वह सांवली लड़की, दुबली पतली कृषकाय, कभी नहीं रही, मेरे कैनवास में , जीवन के डोमेन में। वह रोज मेरे दिल में आती, …
वह सांवली लड़की, दुबली पतली कृषकाय, कभी नहीं रही, मेरे कैनवास में , जीवन के डोमेन में। वह रोज मेरे दिल में आती, …