भाऊराव महन्त
मैं का झंडा गाड़ लोग सब चले गए। तन का कपड़ा फाड़ लोग सब चले गए। फल लगते हैं दूर, नहीं छाया मिलती, वृक्ष लगाकर ताड़ ल…
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अरुणिता
जुलाई 16, 2024
भाऊराव महन्त
छोटे लोग गिने जाते कंकर की श्रेणी में। और बड़े आ जाते हैं पत्थर की श्रेणी में। पल भर में ही कई दिलों का क़…
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अरुणिता
जुलाई 01, 2023