
महेश अन्जाना
कमज़ोर नहीं बेटियां
किरण हाथ में कागज का टुकड़ा लिये खुशी खुशी आवाज़ लगाती हुई आती है। "पापा। मम्मी। (रुक कर) अरे ! क्या हुआ? आप लोग इ…
किरण हाथ में कागज का टुकड़ा लिये खुशी खुशी आवाज़ लगाती हुई आती है। "पापा। मम्मी। (रुक कर) अरे ! क्या हुआ? आप लोग इ…
आनन्द परेशान हालत में घर पहुंचता है। घर में पत्नी रश्मि छ: साल की बच्ची पीहू को पढ़ा रही है। कॉल बेल की आवाज़ आते ही पी…
1. बूढ़े शज़र को पानी तो मिले। जीने को जिंदगानी तो मिले। भूखे को रोटी मयस्सर नहीं, उनको दाना पानी त…
तेरी ख़ामोशी जान की दुश्मन हुई। राज ए दिल छुपाने की चिलमन हुई। चेहरे की रंगत में,चांद नज़र आए, …
हर आंखों को ख़्वाब दीजिए। बस हौसलों को ताब दीजिए। मुल्क की तक़दीर जो बदले, हर हाथ को किताब दीजिए। …
बेजुबां की मुसल्लत, जुबां होती हैं। इस जहां में एक औरत मां होती हैं। बेहिस्सो हरकत में बन हिफाज़ते जा…