
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
कल की चिंता छोड़
मत भ्रम पाल रे साथी, कल की चिंता छोड़ रे साथी । मोह- माया का जाल बुरा, मत लालच पाल रे साथी । होड़ किसी की क्या करनी ? क…
मत भ्रम पाल रे साथी, कल की चिंता छोड़ रे साथी । मोह- माया का जाल बुरा, मत लालच पाल रे साथी । होड़ किसी की क्या करनी ? क…
जीवन सुख- दु:ख का संगम है । आज सुख है तो कल निश्चित ही दुःख आयेगा । ये प्रकृति का नियम है । रात -दिन, सुबह -शाम, स…
कदम्ब की डाल बैठ पपीहा कूक रहा आया वसन्त भॅंवरों का मन डोल रहा रंग-बिरंगी तितलियों की मुस्कान मनोहर फूलों…
वो पहला प्यार ऑंखों में खुमार । बस ! एक झलक पाने को तरसती निगाहें धड़कता दिल... गुलाबी गाल होंठ सुर्ख ल…