
यशवंत चौहान
आज को हम क्यों कल पर छोड़े
जीवन का हर पल अमूल्य है । जीवन रस अमृत तुल्य है ।। बहुत देर तक तुम मत सोना । जीवन मूल्य कभी न खोना ।। आलस्य की कारा अब …
जीवन का हर पल अमूल्य है । जीवन रस अमृत तुल्य है ।। बहुत देर तक तुम मत सोना । जीवन मूल्य कभी न खोना ।। आलस्य की कारा अब …
निज भाषा अपनाओ मातृभूमि गीत गाओ । हिन्दी के विकास के प्रयास का आव्हान है ।। यशगान करो भारत माता के वैभव का । हि…