ऐ, सांस थोड़ा धीमे चलो न, अभी ढ़ग से जीये ही कहां है| अभी प्रतीक्षा में है मेरी आंखें अभी संयोग की रैना बाकी है| अधुरे है अहसास अभी मेरे, आशाओं…
Read more »जाह्नवी का आज का दिन बहुत व्यस्त रहा, दिनभर भागदौड़ रही | स्कूल में बच्चों की निबंध और कला प्रतियोगिता थी, प्रतियोगिता के आयोजन कराने में पूरा द…
Read more »धरा का घर, हर किसी का, जड़- चेतन सब, है इसी का, मानव जाति, पशु- पक्षी सब पेड़ पुष्पों से, रहित है कब, सुंदर पृथ्वी, माँ हमारी, …
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